महाशिवरात्रि महापर्व विश्वभर में सनातनियों द्वारा बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। और देश भर में इस समय मंदिरों में भक्तों को भरी भीड़ होती है।
12 ज्योतिर्लिंग और कुछ मुख्य शिव मंदिरों में भीड़ इतनी होती है की उसे संभालना कठिन हो जाता है।
वर्तमान में काशी से लेकर महाकाल तक जो नवीनीकरण हुवा है उसने भक्तों को संख्या को कई गुना बढ़ा दिया है। काशी में विश्वनाथ कोरिडोर तो उज्जैन में महाकाल लोक भव्यता और दिव्यता आकर्षण केंद्र है। उज्जैन में कल यानी 18 फरवरी महाशिवरात्रिंक दिन लगभग 10 लाख श्रद्धालुओं के आने की आशंका जताई जा रही है, सारे रिकॉर्ड टूटेंगे।
साथ ही एक रिकॉर्ड स्थापित भी किया जाएगा और वो है 21 लाख दीपों से महाकाल नगरी जगमगाएगी और दरबार लगातार 44 घंटे खुला रहेगा।
भीड़ को देखते हुए उज्जैन में पुलिस ने सुरक्षा प्रबंधन के तगड़े इंतजाम किए हैं. लगभग दो हजार पुलिसकर्मियों और अधिकारियों को ड्यूटी में लगाया गया है. शहर के बाहर एक दर्जन से ज्यादा पार्किंग स्थल बनाए गए हैं. इस बार देवास रोड से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु उज्जैन पहुंच रहे हैं. सुबह से शाम तक भगवान महाकाल का आशीर्वाद लेने के लिए पहुंचनेवाले श्रद्धालुओं की संख्या गिनी जाएगी.
🌹 महाशिवरात्रि -18 फरवरी 2023 🌹
🔸शिव-पूजन (निशीथकाल : रात्रि १२-२८ से १-१९ तक ।)
🔸प्रहर :- प्रथम : शाम ६-३७ से, द्वितीय : रात्रि ९-४५ से तृतीय : मध्यरात्रि १२-५३ से, चतुर्थ : १९ फरवरी प्रातः ४-०२ से) ।
🔸पारणा : १९ फरवरी सूर्योदय के बाद ।
🌹 महाशिवरात्रि महिमा 🌹
🌹1. शिवरात्रि में रात्रि जागरण, बिल्वपत्र चंदन पुष्प आदि से शिव पूजन तथा जप ध्यान किया जाता है । यदि इस दिन 'बं' बीजमंत्र का सवा लाख जप किचा जाच तो जोड़ों के दर्द एवं वायु सम्बंधी रोगों में विशेष लाभ होता है ।
🌹2. "इशान संहिता' में भगवान शिव पार्वती जी से कहते हैं- 'फाल्गुन के कृष्णपक्ष की चतुर्दशी तिथि को आश्रय करके जिस अंधकारमची रात्रि का उदय होता है, उसी को शिवरात्रि कहते हैं । उस दिन जो उपवास करता है वह निश्वय ही मुझे संतुष्ट करता है ।
🌹3. शिवरात्रि को भक्तिभाव से रात्रि जागरण किया जाता है । इस रात्रि में किये जाने वाले जप, तप और व्रत हजारों गुना पुण्य प्रदान करते हैं ।
🌹4. 'शिवरात्रि व्रत सर्वश्रेष्ठ है, इससे बढ़कर श्रेष्ठ कुछ नहीं है । जो जीव इस रात्रि में त्रिभुवनपति भगवान महादेव की भक्तिपूर्वक पूजा नहीं करता, वह अवश्य सहस्र वर्षों तक जन्म-चक्रों में घूमता रहता है ।' - 'स्कंद पुराण'
शिवरात्रि व्रत योग एवं मोक्ष की प्रधानता वाला व्रत है ।
🌹5. “हिमालय, सुमेरु अपनी मर्यादा छोड़ दे, समुद्र सुख जाए या समुद्र कोई और रूप हो जाए, फिर भी... वो भले अपनी मर्यदा छोड़ दे... उनका प्रभाव भले नष्ट हो जाये लेकिन शिवरात्रि का व्रत उपवास करनेवाले का पुण्य प्रभाव नष्ट नहीं हो सकता ये शास्त्र वचन है”
🌹महाशिवरात्रि की रात 'ॐ नमः शिवाय' जप
🌹 ॐ नमः शिवाय मंत्र तो सब बोलते हैं लेकिन इसका छंद कौन सा है, इसके ऋषि कौन हैं, इसके देवता कौन हैं, इसका बीज क्या है, इसकी शक्ति क्या है, इसका कीलक क्या है ?
अथ ॐ नमः शिवाय मंत्र ।
वामदेव ऋषिः ।
पंक्तिः छंदः ।
शिवो देवता ।
ॐ बीजम् ।
नमः शक्तिः।
शिवाय कीलकम्ब।
अर्थात् ॐ नमः शिवाय का कीलक है 'शिवाय', 'नमः' है शक्ति, ॐ है बीज... हम इस उद्देश्य से (मन ही मन अपना उद्देश्य बोलें) शिवजी का मंत्र जप रहे हैं – ऐसा संकल्प करके जप किया जाय तो उस संकल्प की पूर्ति में मंत्र की शक्ति काम देगी ।
🔹आर्थिक कष्ट निवारण हेतु🔹
🔹एक लोटे में जल, दूध, गुड़ और काले तिल मिलाकर हर शनिवार को पीपल के मूल में चढ़ाने तथा ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय' मंत्र जपते हुए पीपल की ७ बार परिक्रमा करने से आर्थिक कष्ट दूर होता है ।
संकल्प
आइए इस महाशिवरात्रि का संकल्प लें "हिंदू राष्ट्र भारत का" संकल्प लें कि अब हम हिंदू राष्ट्र भारत की इस मुहिम से जुड़ेंगे और हिंदू राष्ट्र भारत के लिए जो हो सकेगा करेंगे। जो भी कोई हिंदू राष्ट्र के लिए लड़ेगा हम उसका साथ देंगे।
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