31st dec आधुनिकता या मूर्खता?
यह प्रश्न सभी हिंदुओं को जो 31st दिसंबर को नया साल मनाते हैं अपने आप से जरूर पूंछना चाहिए... न विज्ञान, न इतिहास , न अध्यात्म फिर क्यों मनाएं ये अश्लीलता, नशा फैलाने वाला, समाज को खराब करने वाला, और उन लोगों का कथित नया साल जिन्होंने हमारे धर्म को सदैव नष्ट करना चाहा आज भी कर रहे हैं हमारे पूर्वजों को प्रताड़ित किया आज भी हिंदुओं को प्रताड़ित कर रहे हैं उनका धर्मांतरण कर रहे हैं।
1 जनवरी विदेशी कैलेंडर या नया साल की बधाई हमें नहीं दे
कुछ महत्वपूर्ण जानकारी आप सभी के सामने प्रस्तुत कर रहे हैं
1. प्रकृति -
✝️ 1 जनवरी को कोई अंतर नही जैसा दिसम्बर वैसी जनवरी..
🚩चैत्र मास में चारो तरफ फूल खिल जाते हैं, पेड़ो पर नए पत्ते आ जाते हैं। चारो तरफ हरियाली मानो प्रकृति नया साल मना रही हो I
2. वस्त्र -
✝️ दिसम्बर और जनवरी में वही वस्त्र, कंबल, रजाई, ठिठुरते हाथ पैर..
🚩चैत्र मास में सर्दी जा रही होती है, गर्मी का आगमन होने जा रहा होता है।
3. विद्यालय
✝️ विद्यालयो का नया सत्र- दिसंबर जनवरी वही कक्षा कुछ नया नहीं..
🚩जबकि मार्च अप्रैल में स्कूलो का रिजल्ट आता है नई कक्षा नया सत्र यानि विद्यालयों में नया साल
4. नया वित्तीय वर्ष -
✝️ दिसम्बर-जनवरी में कोई खातो की क्लोजिंग नही होती.. जब कि
🚩31 मार्च को बैंको की (audit) कलोसिंग होती है नए वही खाते खोले जाते है I सरकार का भी नया सत्र शुरू होता है I
5. कलैण्डर -
✝️ जनवरी में नया कलैण्डर आता है..
🚩 चैत्र में नया पंचांग आता है । उसी से सभी भारतीय पर्व, विवाह और अन्य महूर्त देखे जाते हैं । इसके बिना हिन्दू समाज जीवन की कल्पना भी नही कर सकता इतना महत्वपूर्ण है ये कैलेंडर यानि पंचांग!
6. किसानों का नया साल -
✝️ दिसंबर-जनवरी में खेतो में वही फसल होती है..
🚩 जबकि मार्च-अप्रैल में फसल कटती है नया अनाज घर में आता है तो किसानो का नया वर्ष और उत्साह ।
7. पर्व मनाने की विधि -
✝️ 31 दिसम्बर की रात नए साल के स्वागत के लिए लोग जमकर मदिरा पान करते है, हंगामा करते है, रात को पीकर गाड़ी चलने से दुर्घटना की सम्भावना, रेप जैसी वारदात, पुलिस प्रशासन बेहाल और भारतीय सांस्कृतिक मूल्यों का विनाश..
🚩 जबकि भारतीय नववर्ष व्रत से शुरू होता है पहला नवरात्र होता है घर घर मे माता रानी की पूजा होती है । शुद्ध सात्विक वातावरण बनता है ।
8. #ऐतिहासिक_महत्त्व-
✝️1 जनवरी का कोई ऐतेहासिक महत्व नही है.. जबकि
🚩चैत्र प्रतिपदा के दिन महाराज विक्रमादित्य द्वारा विक्रमी संवत् की शुरुआत, भगवान झूलेलाल का जन्म, नवरात्रे प्रारंम्भ, ब्रहम्मा जी द्वारा सृष्टि की रचना इत्यादि का संबंध इस दिन से है ।
🤷♂️ अंग्रेजी कलेंडर की तारीख और अंग्रेज मानसिकता के लोगो के अलावा कुछ नही बदला..
अपना नव संवत ही नया साल है
🚩जब ब्रह्माण्ड से लेकर सूर्य चाँद की दिशा, मौसम, फसल, कक्षा, नक्षत्र, पौधों की नई पत्तिया, किसान की नई फसल, विद्यार्थी की नई कक्षा, मनुष्य में नया रक्त संचरण आदि परिवर्तन होते है। जो विज्ञान आधारित है
🤨 अपनी मानसिकता को बदलें। विज्ञान आधारित भारतीय काल गणना को पहचाने। स्वयं सोचे की क्यों मनाये हम 1 जनवरी को नया वर्ष..?
मात्र कैलेंडर बदलें.. अपनी संस्कृति नहीं"
✊आओ जागें और जगाएं अपनी भारतीय संस्कृति अपनाएं और आगे बढ़े