मुस्लिम महिला पर रेप क्यू नहीं होते ?
मुस्लिम महिलाएं अपनी मर्यादा जानती है.मर्यादा में रहती है।
पब्लिक (बाज़ार, सामूहिक कार्यक्रमों) में अनजान लोगों से बेवज़ह हसती बोलती नही है!
उनके वस्त्र शालीन होते है, उसपर भी वो काला बुरखा पहन कर घूमती है,इस कारण से पुरुषों को आकर्षित नही कर पाती!
मुस्लिम महिला अगर किसी उच्च पद पर है, डॉक्टर हो वकील हो चाहे कितनी भी बड़ी पद पर आसीन हो तब भी वो अपने मज़हब का आदेश नही त्यागती हिजाब पहन कर ही बाहर निकलती है!
विपरीत इसके, हिंदू औरतों को शादी पार्टी, अन्य सामाजिक कार्यक्रमों में छोटे ब्लाउज, कमर से नीचे साड़ी पहनना, अपने शरीर का दिखावा करना इसमे अपनी शान समझती हैं!
गोल गप्पे वाला, फेरी वाला, सब्जी के ठेले वाला, बाजार का कोई भी दुकानदार आपकी इस हरकतों को किस नजर से और कहा से देख रहा है,,जरा भी अंदाजा नहीं लगा सकती..!!
अगर टोक दिया जाये तो उनकी आजादी खतरे में आ जाती हैं, आजादी का मतलब ये तो नहीं कि आप अपने शरीर का दिखावा करें!
इस बात से ये मतलब नहीं निकाले की सारे दोष आपके है..
लेकिन बढ़ावा तो आप ही दे रही है, चाहे वो अनजाने में हो..
हिंदू महिलाओं को सब कुछ करना है जो पुरुष करता है उसको गाली देना, देर रात तक घर से बाहर घूमना है, दारू पीना सिगरेट पीना और सब कुछ वो करना पसंद है जो पुरुष करते है (घटियापन)
मुस्लिम महिलाये अपनी बेटियों को भी यही शिक्षा देती है.. कम उम्र लड़कियों को गलत पहनावा, गैर मज़हबी से मेल मिलाप बातचीत से रोकती है!ये वो कारण है जो मुस्लिम महिलाओं और बच्चीयों को सुरक्षित रखते है!
औरत की इज्जत उनके हाथ मे होती है जितनी सुरक्षा औरत अपने आप को दे सकती है उतना कोई नही दे सकता है !!!
आप मानव श्रीष्टि कि जननी हो कुछ तो सोचो अंग प्रदर्शन करके कहीं न कहीं आप अनैतिकता को बढ़ावा देती हैं और आप जैसी और बॉलीवुड की अंग प्रदर्शन करने वाली अभिनेत्रीयों से लाख दुगनी अच्छी तो वो वेश्याएं हैं जो जिस्म बेचती हैं और न जाने कितनी बहन बेटियों को अनैतीक सम्बंध के रास्ते पर जाने से बचा लेती हैं..!!🤔🤔
बिल्कुल सही
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