नवरात्रि क्या है? जानिए नवरात्र का वैज्ञानिक-आध्यात्मिक महत्व

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 नवरात्रि क्या है? जानिए नवरात्र का वैज्ञानिक-आध्यात्मिक महत्व

नवरात्र' शब्द से नव अहोरात्रों (विशेष रात्रियों) का बोध होता है। इस समय शक्ति के नवरूपों की उपासना की जाती है। 'रात्रि' शब्द सिद्धि का प्रतीक है।


 नवरात्र या नवरात्रि?

🚩संस्कृत व्याकरण के अनुसार 'नवरात्रि' कहना त्रुटिपूर्ण है। 9 रात्रियों का समाहार, समूह होने के कारण से द्वंद समास होने के कारण यह शब्द पुल्लिंग रूप 'नवरात्र' में ही शुद्ध है।


 नवरात्र क्या है?

🚩पृथ्वी द्वारा सूर्य की परिक्रमा के काल में 1 साल की 4 संधियां हैं। उनमें मार्च व सितंबर माह में पड़ने वाली गोल संधियों में साल के 2 मुख्य नवरात्र पड़ते हैं। इस समय रोगाणु आक्रमण की सर्वाधिक आशंका होती है। ऋतु संधियों में अक्सर शारीरिक बीमारियां बढ़ती हैं अत: उस समय स्वस्थ रहने के लिए, शरीर को शुद्ध रखने के लिए और तन-मन को निर्मल और पूर्णत: स्वस्थ रखने के लिए की जाने वाली प्रक्रिया का नाम 'नवरात्र' है।

🚩भारत के प्राचीन ऋषि-मुनियों ने रात्रि को दिन की अपेक्षा अधिक महत्व दिया है इसलिए दीपावली, होलिका, शिवरात्रि और नवरात्र आदि उत्सवों को रात में ही मनाने की परंपरा है। यदि रात्रि का कोई विशेष रहस्य न होता तो ऐसे उत्सवों को 'रात्रि' न कहकर 'दिन' ही कहा जाता लेकिन नवरात्र के दिन, 'नवदिन' नहीं कहे जाते।


🚩इन नवरात्रों में लोग अपनी आध्यात्मिक और मानसिक शक्ति संचय करने के लिए अनेक प्रकार के व्रत, संयम, नियम, यज्ञ, भजन, पूजन, योग-साधना आदि करते हैं। कुछ साधक इन रात्रियों में पूरी रात पद्मासन या सिद्धासन में बैठकर आंतरिक त्राटक या बीज मंत्रों के जाप द्वारा विशेष सिद्धियां प्राप्त करने का प्रयास करते हैं।


🚩मनीषियों ने नवरात्रि के महत्व को अत्यंत सूक्ष्मता के साथ वैज्ञानिक परिप्रेक्ष्य में समझने और समझाने का प्रयत्न किया। रात्रि में प्रकृति के बहुत सारे अवरोध खत्म हो जाते हैं। आधुनिक विज्ञान भी इस बात से सहमत है। 


🚩दिन में आवाज  दूर तक नहीं जाएगी किंतु रात्रि को आवाज बहुत दूर तक जाती है। इसके पीछे दिन के कोलाहल के अलावा एक वैज्ञानिक तथ्य यह भी है कि दिन में सूर्य की किरणें आवाज की तरंगों और रेडियो तरंगों को आगे बढ़ने से रोक देती हैं।

🚩वैज्ञानिक सिद्धांत यह है कि सूर्य की किरणें दिन के समय रेडियो तरंगों को जिस प्रकार रोकती हैं, उसी प्रकार मंत्र जाप की विचार तरंगों में भी दिन के समय रुकावट पड़ती है इसीलिए ऋषि-मुनियों ने रात्रि का महत्व दिन की अपेक्षा बहुत अधिक बताया है। मंदिरों में घंटे और शंख की आवाज के कंपन से दूर-दूर तक वातावरण कीटाणुओं से रहित हो जाता है। यह रात्रि का वैज्ञानिक रहस्य है। जो इस वैज्ञानिक तथ्य को ध्यान में रखते हुए रात्रियों में संकल्प और उच्च अवधारणा के साथ अपने शक्तिशाली विचार तरंगों को वायुमंडल में भेजते हैं, उनकी कार्यसिद्धि अर्थात मनोकामना सिद्धि, उनके शुभ संकल्प के अनुसार उचित समय और ठीक विधि के अनुसार करने पर अवश्य होती है।


 *खोडाभाई_प्रशासक समिति_भगवा ध्वज रक्षक समूह*

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11Comments
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  1. जय भवानी 🔱
    या देवी सर्वभूतेषु शक्ति रूपेण संस्थिता नमस्तस्ए नमस्तस्ए नमस्तस्ए नमो नमः 🚩🚩🚩🙏🙏🙏

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  2. बहुत अच्छी जानकारी धन्यवाद
    🚩जय हिन्दू राष्ट्र....जय सियाराम...जय श्री हनुमान...जय श्री परशुराम...गिरीश सिंगला (पंचसचालक 91-95) - 9717004580 🚩 💪💪💪🙏🌹🙏🙂

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  3. जय माता दी 🚩🙏

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  4. या देवी सर्वभुतेषु,शक्तिरूपेण संस्थिता, नमस्तस्यै,नमस्तस्यै, नमस्तस्यै नमो नम:।
    आप सभी को नवरात्र की हार्दिक शुभकामनाएं..माँ दुर्गे आप सभी के जीवन मे खुशियाँ लेकर आये
    🚩🙏🌹जय माँ दुर्गे 🌹🙏🚩

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  5. बढ़िया 🚩🚩🚩🚩 जय माता जी की 🚩🚩

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  6. Har Har Mahadev, om ya devi sarvabutesu matru rupean sanshita Namastamai Namastamai Namastamai namo namha

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