नवरात्रि के 9 रहस्य

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नवरात्रि के ये "9" रहस्य


पहला रहस्य :36 रात्रियां

नवरात्रि वर्ष के चार पवित्र माह में आती है। चैत्र, आषाढ़, अश्विन और पौष। चैत्र माह में चैत्र नवरात्रि जिसे बड़ी नवरात्रि या वसंत नवरात्रि भी कहते हैं। आषाढ़ और पौष माह की नवरात्रि को गुप्त नवरात्रि कहते हैं। अश्‍विन माह की नवरात्रि को शारदीय नवरात्रि कहते हैं।


दूसरा रहस्य:- 9 छिद्र :

हमारे शरीर में 9 छिद्र हैं। दो आंख, दो कान, नाक के दो छिद्र, दो गुप्तांग और एक मुंह। उक्त नौ अंगों को पवित्र और शुद्ध करेंगे तो मन निर्मल होगा और छठी इंद्री को जाग्रत करेगा।वर्ष की 36 नवरात्रियों में उपवास रखने से अंग-प्रत्यंगों की पूरी तरह से भीतरी सफाई हो जाती है।


तीसरा रहस्य :- पूर्ण संयम 

 इन नौ दिनों में मद्यमान, मांस-भक्षण और स्‍त्रिसंग शयन वर्जित माना गया है। जो व्यक्ति ऐसा अपराध करता है निश्‍चित ही वह माता के प्रति असम्मान प्रकट करता है। उपवास में रहकर इन नौ दिनों में की गई हर तरह की साधनाएं और मनकामनाएं पूर्ण होती है।


चौथा रहस्य : पवित्र है ये रात्रियां 

इन रात्रियों में प्रकृति के बहुत सारे अवरोध खत्म हो जाते हैं। दिन की अपेक्षा यदि रात्रि में आवाज दी जाए तो वह बहुत दूर तक जाती है। इसीलिए इन रात्रियों में सिद्धि और साधना की जाती है।


पांचवां रहस्य :9 देवियां 

शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कुष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी, सिद्धिदात्री का पूजन विधि विधान से किया जाता है।


छठा रहस्य : नौ भोग और औषधि 

शैलपुत्री कुट्टू और हरड़, ब्रह्मचारिणी दूध-दही और ब्राह्मी, चन्द्रघंटा चौलाई और चन्दुसूर, कूष्मांडा पेठा, स्कंदमाता श्यामक चावल और अलसी, कात्यायनी हरी तरकारी और मोइया, कालरात्रि कालीमिर्च, तुलसी और नागदौन, महागौरी साबूदाना तुलसी, सिद्धिदात्री आंवला और शतावरी।


सातवां रहस्य :अलग अलग देवियां 

देवियों में त्रिदेवी, नवदुर्गा, दशमहाविद्या और चौसठ योगिनियों का समूह है। आदि शक्ति अम्बिका सर्वोच्च है और उसी के कई रूप हैं। सती, पार्वती, उमा और काली माता भगवान शंकर की पत्नियां हैं।


आठवां रहस्य :दशमहाविद्याएं 

नवदुर्गा में दशमहाविद्याओं की भी पूजा होती है। इनके नाम है-1. काली, 2. तारा, 3. छिन्नमस्ता, 4. षोडशी, 5. भुवनेश्वरी, 6. त्रिपुरभैरवी, 7. धूमावती, 8. बगलामुखी, 9. मातंगी और 10 कमला।


नौवा रहस्य : देवियों की पहचान :

प्रत्येक देवी को उनके वाहन, भु्जा और अस्त्र-शस्त्र से पहचाना जाता है। देवी दुर्गा और कात्यायनी सिंह पर सवार हैं तो माता पार्वती, चन्द्रघंटा और कुष्मांडा शेर पर विराजमान हैं। शैलपुत्री और महागौरी वृषभ पर, कालरात्रि गधे पर और सिद्धिदात्री कमल पर विराजमान हैं।


 खोडाभाई_भगवा ध्वज रक्षक समूह

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6Comments
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  1. जय माता दी🚩🚩🚩

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  2. शानदार
    जानकारी
    जय श्री राम मित्र
    हर घर भगवा श्रृंखला 🚩

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  3. ये सब जानकारी लगातार फोन पर ऊब्लब्ध हो सकती है क्या -9899988695

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