प्याज क्यों है वर्जित, क्यों नहीं खाना चाहिए?

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 प्याज क्यों है वर्जित, क्यों नहीं खाना चाहिए?

प्राचीनकाल से ही प्याज_लहसुन को खाने की मनाई की गई है, आओ जानते हैं इस संबंध में महत्वपूर्ण जानकारी।


 भोजन के प्रकार : हिन्दू धर्म के अनुसार तीन प्रकार है- 1.सात्विक 2.राजसिक और 3.तामसिक। 

भगवद्गीता में 17वें अध्याय में कहा गया है की जिस भोजन को करने से मुंह से दुर्गंध आती हो वह भोजन तामसिक ही माना जाता है।

लहसुन और प्याज को राजसिक और तामसिक भोजन में शामिल किया गया है, जो आपके भीतर रक्त के प्रभाव को बढ़ाने या घटाने की क्षमता रखते हैं।


 👉व्रत करने वाले नहीं खाते प्याज-लहसुन :* यदि कोई व्यक्ति व्रत कर रहा है तो उसे प्याज और लहसुन नहीं खाना चाहिए ऐसा शास्त्रों में उल्लेख मिलता है।


 👉योग करने वाले नहीं खाते प्याज-लहसुन

साधु-संत नहीं करते प्याज-लहसुन का उपयोग : सनातन धर्म के अनुसार उत्तजेना और अज्ञानता को बढ़ावा देने वाले खाद्य पदार्थों को साधु-संत को उपयोग नहीं करना चाहिए।


 ✊सामाजिक प्रतिबंध : वैष्णवजन और जैन समाज के लोग प्याज-लहसुन का उपयोग नहीं करते, क्योंकि इस समाज के अधिकतर लोग व्रत में रहते हैं और धर्म के नियमों का पालन करते हैं।


🙏देवी-देवताओं को नहीं लगता इनका भोग.


 👇प्याज खाने के नुकसान :


1️⃣ ज्यादा प्याज खाने से गैस, डकार और अपच की समस्या हो जाती है। 

2️⃣ ज्यादा प्याज खाने से मुंह से तेज दुर्गंध आती है और कफ भी बनता है।

3️⃣ इसको खाने से सिर में दर्द भी पैदा होता है और मस्तिष्क में कमजोर आ जाती है। 

4️⃣ इसको खाने से मन में बैचेनी बढ़ जाती है और आलस्य भी बढ़ जाता है।

5️⃣ यह कामेच्छा बढ़ाने वाले खाद्य पदार्थ होते हैं। 

6️⃣ ये रक्त की चाल और हार्मोन्स को प्रभावित करते हैं।

7️⃣ प्याज को काटने भर से आंसु आते हैं और इसे कच्चा खाने से जिव्हा में जलन होती है तो सोचिये की शरीर में ये क्या करता होगा।


 *खोडाभाई_प्रशासक समिति_भगवा ध्वज रक्षक समूह*

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13Comments
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  1. बिल्कुल सही कहा है

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  2. Dheere dheere karke isko chhodana padega Dharm ki raksha ke liye bahut jaruri hai

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  3. पर कई बार ऐसा भी प्रकाश में आया है की केवल प्याज ही लु उतारने के लिए सर्वोत्तम औषधि है दूजा एक शहर में जब प्लेग फैला था तो जानकारी अनुसार किसी चाट मसाले वाले क परिवार में किसी को कुछ भी नहीं हुआ। शोध सेकारण पता चला कि उसने दुकानकेलिए प्याज काट कर रखें थे और उन कटे हुए टुकड़ों ने सारे बैक्टीरिया सौंख लिए थे

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    1. मैं एक आयुर्वेदिक चिकित्सा ग्रुप से जुड़ा हुआ हूँ और कई बार ये प्रश्न मेरे मन में भी उठता है इसी के चलते मैंने उस ग्रुप में अपना प्रश्न किया जब उस ग्रुप के अध्यक्ष व अन्य सदस्यों ने पढ़ा तो उन्होंने ये तो कहा कि आपका प्रश्न बहुत अच्छा है परंतु वो कोई भी मुझको उसका ठीक से उत्तर नहीं दे पाये
      मेरा प्रश्न था कि लहसुन और प्याज को तामसिक भोजन की श्रेणी में रखा गया है जिस भोजन को सनातनी, वैष्णव नहीं कर सकते परंतु दूसरी ओर हमारे आयुर्वेद शास्त्र में लहसून और प्याज के गुणों की व्याख्या की गई है तो आप ये बताए कि क्या हमको लहसुन प्याज का सेवन करना चाहिए या नहीं

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    2. भारत वर्षमें रहने वाले सभी आध्यात्मिक लाइन पर चलने लगे तो हमारे सामने विरोधियोंकी पूरी फ़ौज खड़ी हो रही है...जो आनेवाले समयमे मानवभक्षीभी बन सकती है।उनको टक्कर देने के लिए तामसी स्वभाव वाले हिंदुओंकी जरूरत पड़ेगी।
      दसरी बात ... आज भारत वर्षमे कई गरीब परिवारोंमें पेट पालनेके लिए प्याज पर ही निर्भर रहना पड़ता है।

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  4. सही कहा भाई👊🙏

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  5. kuch aushidhya gun bhi hain isme shayd

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  6. Lahsun alkeline properties ha hota hai so aaj ki tarikh me jaha jayadatar chize sharir me acidic ja rhi hai to usko nutilize krne ke liye lahsun best option hai

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  7. आपने बिलकुल सही कहा 👍

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  8. लहसुन प्याज ना खाए तो पेट में gaistik होता है औरकच्छी डकार भी आता है

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  9. Sabh khana cahiye, pyaj, lehsun b, bahut hi guan paye jate hain inme. Ye kalyug chal raha hai, yaha koi bhagwan ya ishwar darshan nahi dene wale, satyug, dropar, treta ki baat kuch aur thi, hume sirf acche karam aur dharam, punya karya karni cahiye. Aaj ki life style ke liye pyaj lehsun khana jaruri hain.

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