स्वतंत्र या देशद्रोही दलाल भास्कर

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 टैक्स चोरी के आरोपी दैनिक भाष्कर के दफ्तरों पर इनकम टैक्स के छापे क्या पड़े लिबरल ,लाल सलाम वाले गुंडे अपनी लुंगी उठाकर नंगाई करने लगे हैं

वैसे देश में ऐसे अनेकों पत्रकार गिरोह है ऐसे अनेकों न्यूज़ एजेंसी हैं जो विदेशों से दलाली लेती हैं और देश में माहौल बिगाड़ते हैं गलत खबरें चलाकर देश के विरुद्ध लोगों को भड़काती है

अब यदि इनके विरुद्ध कोई कार्यवाही हो जाय तो देश का लिबरल/ वामपंथी गिरोह ऐसे बिलबिला उठता है जैसे किसीने उनके पेट पर लात मार दी हो

वास्तव में ये बिलबिलाहट किसी दैनिक भास्कर के लिए नहीं होती है अपितु इस एक के पकड़े जाने से हो सकता है भविष्य में कईयों के तार खुल जाए और कईयों की दलाली के सबूत सामने आ जाएं यही इनकी चिल्लम पुकार का असली कारण होता है

देश की बड़ी विचित्र परिस्थिति में यदि कोई राष्ट्रवादी पत्रकार मारा जाता है या मर जाता है तो कुछ विशेष समुदाय के और लिबरल टाइप के लोग ऐसी टिप्पणियां करते है जो असामाजिक हो लेकिन जब कोई देश को बदनाम करने वाला पत्रकार , एजेंडे के अनुरूप फोटो खींचकर उनसे पैसे कमाने वाला पत्रकार आतंकियों द्वारा ठोक दिया जाता है तो यह सारे लिबरल और राष्ट्र के विरुद्ध जहर उगलने वाले उसे शहीद का दर्जा देने लगते हैं

अब दैनिक भास्कर पर रेड क्या पड़ी इन्होंने इनकम टैक्स की इस कार्यवाही को ही बदला लेने वाली कार्यवाही घोषित कर दिया और दैनिक भास्कर को स्वतंत्र भास्कर के नाम से फेमस करने के लिए ट्विटर पर ट्रेंड चला दिया लेकिन अब समय बदल चुका है जनता थोड़ी-थोड़ी समझदार हो रही है तो बहुत से लोगों ने इस दैनिक भास्कर का बहिष्कार करना भी शुरू कर दिया है।

आपको बता दें कि भाष्कर समूह विभिन्न क्षेत्रों से जुड़ा है, जिनमें मीडिया, बिजली, कपड़ा और रियल एस्टेट प्रमुख क्षेत्र हैं। इसका सालाना टर्नओवर 6000 करोड़ रुपए से अधिक का है। समूह में होल्डिंग और सहायक कंपनियों सहित 100 से अधिक कंपनियाँ हैं। इस समूह से जुड़े तीन मुख्य नाम सुधीर अग्रवाल, पवन अग्रवाल और गिरीश अग्रवाल हैं।

देश और विदेश में अथाह सम्पत्ति का मालिक है ये ग्रुप... वैसे इनकम टैक्स डिपार्टमेंट अपना काम सबूतों के आधार पर कर रहा है लेकिन विपक्ष और लिबरल ग्रुप सरकार को टारगेट करते हुए इस कार्यवाही को बदली की कार्यवाही बता रहे हैं। और वह सब ऐसा क्यों कर रहे हैं यह तो बस सोचने का विषय है जो हम सभी को सोचना चाहिए

आईटी विभाग की कार्रवाई को लेकर जो बातें कही जा रही हैं यदि उनमें से कुछ झूठ है या निराधार है तो शायद यहाँ पर वो बताना ज्यादा महत्वपूर्ण है कि कैसे ये कार्रवाई दैनिक भास्कर समूह पर ‘बदले’ का हिस्सा है और उनके कर्मचारियों को दफ्तर में बंधक बना कर रख लिया गया। अपनी कोरोना की रिपोर्टिंग पर विस्तृत जानकारी देना और फिर पाठकों में एजेंसी की कार्रवाई को गलत दिखा कर ये संप्रेषित करना कि आईटी का छापा सरकार विरोधी रिपोर्टिंग के कारण हुआ बिलकुल भ्रामक है और विक्टिम कार्ड के अलावा कुछ नहीं है। पाखंडी मीडिया की सबसे बड़ी ताकत यही है कि यदि रिपोर्टिंग पर बात आए तो निष्पक्ष पत्रकारिता का हवाला दे दो और यदि संस्थान पर छापा पड़े तो उसका ठीकरा केंद्र सरकार पर फोड़ दो।

मुल्लों को ‘तांत्रिक’ लिखकर समुदाय विशेष के अपराधों पर पर्दा डालने वाली मीडिया, अखबारों और लेखों में कानून और संविधान की पाठ पढ़ाने वाली मीडिया का इससे बड़ा पाखंड और क्या हो सकता है कि जब वह खुद कानून के दायरे में आती है तो संविधान, अदालत सारी लोकतांत्रिक व्यवस्था को धता बता विक्टिम कार्ड खेलने लगती है।

अब अंत में बस सभी से यही कहना है कि हमें बड़े ही ध्यान से समझना होगा कि राष्ट्रवादी कौन है और राष्ट्र द्रोही कौन है तथा पूर्ण निष्ठा से राष्ट्रवादियों का हर हाल में हर प्रकार से जितना संभव हो सहयोग करना चाहिए तथा उतनी ही निष्ठा से राष्ट्र द्रोही ताकतों का जमकर विरोध करना चाहिए, उनका पूर्ण रूप से बहिष्कार करना चाहिए ताकि वह हमारे देश के विरुद्ध षड्यंत्र ना चला सके और देश को तोड़ने का देश को बर्बाद करने का इन देशद्रोहियों का सपना कभी पूरा ना हो सके।

आइए हम सब मिलकर संगठित होकर देश के हित में आगे बढ़े और राष्ट्र विरोधी ताकतों को मुंहतोड़ जवाब देकर देश को विश्व गुरु बनने में सहयोग करें

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14Comments
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  1. जय श्री राम 🚩🚩

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  2. boycott these anti Bharat traitors.save India

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  3. भास्कर ग्रुप को बॉयकॉट करके हम अपना विरोध प्रकट कर सकते है।

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  4. जय श्री राम

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  5. मैंने तो पहले ही कहा था इस दलाल भास्कर का बायकॉट करो

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  6. विशुद्धरुप से वामपंथ और काँग्रेस की नीतियों का पक्षधर है दैनिकभास्कर।जिसका स्पष्ट एजेण्डा यही है कि येनकेन प्रकारेण किसी भी तरह से हो हिन्दू हितों पर कुठाराघात करना।सूखी होली,बिना पटाखों की दीवाली इसी बात का परिचायक हैं कि खुद को अग्रवाल लिखने वाले इसके मालिक कैसे महाराज अग्रसेन का वंशज कहने वाले जो कि आज अग्र बन्धुओं के अगुवा बने हुए हैं अपनी अकूत सम्पत्ति के चलते किन्तु कार्य कर रहे हैं धर्म विरोध का...धिक्कार है

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  7. जय जय श्री राम

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  8. जय श्री राम 🚩

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  9. प्रेस के नाम पर कुछ भी गलत करने दिया जाएगा,ऐसे वह तमाम सपोलों को कुचलना हमारा आपका नैतिक दायित्व बनता है जिससे कि देश में जहर की खेती न कर सकें ।
    दूसरी बात यह कि चौथेस्तम्भ के रूप में आपको कुछ भी करने की छूट नही मिलेगी ।

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  10. जय श्री राम 🚩🚩🚩🚩🚩

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