हिन्दू रीति-रिवाज के वैज्ञानिक रहस्य

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 हिन्दू रीति-रिवाज के वैज्ञानिक रहस्य :

हिन्दू धर्म मे अनेकों परंपराएं और रीति रिवाज है। हर रिवाज/परंपरा के पीछे एक गूढ़ विज्ञान है जिसे हम नहीं जानते या भूल चुके हैं इस कारण धर्म की हानि और हमारा पतन हो रहा है। वर्तमान समाज अपने धर्म से कटता जा रहा है जिस कारण दुखी और परेशान है

👇आइये कुछ रिवाजों/परंपराओं के पीछे के विज्ञान को समझें

🙏1. हाथ जोड़कर नमस्कार करना हिंदू धर्म की प्राचीन परंपरा और सभ्यता है। दोनों हाथों को जोड़कर नमस्कार करने से आप सामने वाले को सम्मान  देते हैं।जब हम दोनों हाथों को आपस में जोड़ते हैं तो हमारी हथेलियों और उंगलियों के उन बिंदुओं पर दबाव पड़ता है जो  शरीर के अंगों से सीधा संबंध रखते हैं। इस तरह दबाव पड़ने को एक्वा प्रेशर चिकित्सा भी कहते हैं। इस तरह नमस्कार करने से हम सामने वाले के स्पर्श में भी नहीं आते हैं, जिससे किसी संक्रमण का खतरा भी नहीं रहता है।

⭕ 2. पैर की उंगली में रिंग पहनना भारतीय संस्कृति का हिस्सा  है।अमूमन रिंग को पैर के अंगूठे के बगल वाली दूसरी उंगली में धारण किया जाता है। इस उंगली की नस महिलाओं के गर्भाशय और दिल से संबंध रखती हैं। पैर की उंगली में रिंग पहनने से गर्भाशय और दिल से संबंधित बीमारियों की गुंजाइश नहीं रहती है। 

 🛡️3. पुराने समय में तांबे के सिक्के होते थे तांबा पानी को शुद्ध करता है। इसलिए पुराने में समय में नदियां में तांबे के सिक्के इसलिए डाले जाते थे, क्योंकि ज्यादातर नदियां ही पीने के पानी का श्रोत हुआ करती थीं।

 ⚜️4. दोनों भौहों के बीच माथे पर तिलक  लगाने से उस बिंदू पर दवाब पड़ता है जो हमारे तंत्रिका तंत्र का सबसे खास हिस्सा माना जाता है। तिलक लगाने से इस खास हिस्से पर दबाव पड़ते ही ये सक्रिय हो जाता है और शरीर में नई ऊर्जा का संचार होने लगता है।

 🔔5. मंदिर में घंटे या घंटियां* होने का भी वैज्ञानिक कारण है। घंटे की आवाज कानों में पड़ते ही आध्यात्मिक अनुभूति होती है। इससे एकाग्रता में बढ़ोतरी होती है और मन शांत हो जाता है।  जब हम मंदिर में घंटा बजाते है तो करीब सात सेकेंड तक हमारे कानों में उसकी प्रतिध्वनि गूंजती है। माना जाता है कि इस दौरान घंटे की ध्वनि से हमारे शरीर में मौजूद सुकून पहुंचाने वाले सात बिंदू सक्रिय हो जाते हैं और नाकारात्मक ऊर्जा शरीर से बाहर हो जाती है।

 🍱6. भारतीय थाली में मसालेदार व्यंजन और मीठाई एक साथ* परोसी जाती है। कहा जाता है कि पहले मसालेदार खाने से शरीर के पाचन तंत्र के लिए जरूरी पाचक रस और अम्ल सक्रिय होते हैं। फिर मिठाइयों के सेवन से पाचक क्रिया नियंत्रित हो जाती है।

🌿 7. मेंहदी औषधीय गुणों से युक्त प्राकृतिक जड़ी बूटी है। मेंहदी की महक से तनावमुक्त होने में मदद मिलती है। यही वजह है कि शादियों या अन्य भारतीय कार्यक्रमों में मेंहदी को परंपरा का अहम हिस्सा माना जाता है।

 🍱8. धरती पर बैठकर भोजन करने की परंपरा है। इसका वैज्ञानिक कारण ये है कि जब हम धरती पर दोनों पैर मोड़कर बैठते हैं तो इस अवस्था को सुखासन या अर्ध पदमासन कहते हैं। इस प्रकार बैठने से दिमाग की उन धमनियों को सकारात्मक संदेश पहुंचता है जो पाचन तंत्र से जुड़ी होती हैं।

😴 तो पृथ्वी के चुंबकीय बल से मानव शरीर का चुंबकीय बल ठीक बिपरीत होता है। इससे हमारे हृदय पर ज्यादा जोर पड़ने लगता है। दूसरा कारण ये है के इस प्रकार सोने से खून में मौजूद आयरन दिमाग में एकत्र होने लगता है। इससे दिमाग की बीमारियां होने लगती हैं।

 10. कानों के छेदन से कानों में किसी प्रकार की बीमारी नहीं होती है साथ ही बौद्धिकता में बढ़ातरी होती है। 

 11. भारतीय संस्कृति में सुबह की शुरूआत को सूर्य नमस्कार से जोड़ा गया है। भारतीय लोग सूर्य को पानी से अर्घ्य देकर नमस्कार करते हैं। पानी से टकराकर सूर्य की किरणें आखों में पड़ने से आंखों की बीमारियां नहीं होती है।

12:एक गोत्र में विवाह नहीं

वाज्ञानिको के अनुसार अनुवांशिक बीमारी न हो इसका एक ही इलाज है ‘सैपरेशन ऑफ जींस’। अर्थात अपने निकटतम रिश्तेदारों में विवाह नहीं करना चाहिए क्योंकि नजदीकी रिश्तेदारों में जींस सैपरेट (विभाजित) नहीं हो पाता और जींस लिंक्ड बीमारियां होने की शत-प्रतिशत संभावना होती है। सनातन हिंदू धर्म में हजारों वर्ष पहले ‘जींस’ और ‘डी.एन.ए.’ के बारे में कैसे लिखा गया है। हिंदू परम्परा में कुल सात गोत्र होते हैं। एक गोत्र के लोग आपस में विवाह नहीं कर सकते, जिससे जींस  सैपरेट (विभाजित) रहे।

🌳13:पीपल की पूजा

इसकी पूजा इसलिए की जाती है ताकि इस पेड़ के प्रति लोगों में श्रद्धा बढ़े और उसे काटे नहीं। पीपल ही एकमात्र ऐसा पेड़ है जो रात में भी ऑक्सीजन प्रवाहित करता है।

👶14:सिर पर चोटी

जिस जगह पर चुटिया रखी जाती है उस जगह पर दिमाग की सारी नसें मिलती हैं। इससे दिमाग स्थिर रहता है और मनुष्य को क्रोध नहीं आता। सोचने की क्षमता बढ़ती है।

15:व्रत रखना

व्रत रखने से पाचन क्रिया अच्छी होती है और फलाहार लेने से शरीर का डीटॉक्सीफिकेशन होता ह। व्रत करने से कैंसर का खतरा कम होता है। व्यक्ति को हृदय संबंधी रोग, मधुमेह आदि भी जल्दी नहीं लगते।

16:चरण स्पर्श

हिंदू मान्यता के अनुसार जब आप किसी बड़े से मिलें तो उसके चरण स्पर्श करें।मस्तिष्क से निकलने वाली ऊर्जा हाथों और सामने वाले पैरों से होते हुए एक चक्र पूरा करती है। इसे कॉस्मिक ऊर्जा का प्रवाह कहते हैं।

17:क्यों लगाया जाता है सिंदूर

विवाहित हिंदू महिलाएं सिंदूर लगाती हैं।सिंदूर में हल्दी, चूना और पारा होता है। यह मिश्रण शरीर के रक्तचाप को नियंत्रित करता है। चूंकि इससे यौन उत्तेजनाएं भी बढ़ती हैं इसलिए विधवा औरतों के लिए सिंदूर लगाना वर्जित है। इससे स्ट्रैस कम होता है।

🍃18:तुलसी के पौधे की पूजा

तुलसी की पूजा करने से घर में समृद्धि आती है। तुलसी इम्यून सिस्टम को मजबूत करती है। यदि घर में तुलसी का पौधा होगा तो पत्तियों का भी प्रयोग होगा जिससे बीमारियां दूर होती हैं।


 *खोडाभाई_भगवा ध्वज रक्षक समूह*

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13Comments
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  1. जय श्री राम आदरणीय सनातनी बन्धुओँ

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  2. बहुत ही अद्भुत व ज्ञान पूर्ण व तथ्य परक जानकारी।

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  3. जय श्री राम🙏🙏🙏🙏🙏

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  4. बहुत ही बढ़िया जानकारी आदरणीय

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  5. बहुत अच्छा लिखा है आपने कुछ हिन्दू को इससे शिक्षा लेने व समझने की जरूरत है

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