भगवान कृष्ण की 16108 पत्नियों का रह्स्य
कहते हैं कि भगवान कृष्ण की 16,108 पत्नियां थीं। क्या यह सही है?
इस संबंध में कई कथाएं प्रचलित हैं और लोगों में इसको लेकर जिज्ञासा भी है। आइए, जानते हैं कि कृष्ण की 16,108 पत्नियां होने के पीछे राज क्या है।
कृष्ण अपनी आठों पत्नियों के साथ द्वारिका में रह रहे थे। एक दिन इंद्र ने आकर उनसे प्रार्थना की, प्रागज्योतिषपुर के दैत्यराज भौमासुर के अत्याचार से देवतागण त्राहि-त्राहि कर रहे हैं। इंद्र ने कहा, भौमासुर ने पृथ्वी के कई राजाओं और आमजनों की अति सुन्दरी कन्याओं का हरण कर उन्हें अपने यहां बंदीगृह में डाल रखा है। कृपया आप हमें बचाइए प्रभु।
इंद्र की प्रार्थना स्वीकार कर के श्री कृष्ण ने अपनी पत्नी सत्यभामा की सहायता से मुर दैत्य सहित मुर ओर उनके 6 पुत्रोका संहार किया।
मुर दैत्य के वध हो जाने का समाचार सुन भौमासुर दैत्यों की सेना को साथ लेकर युद्ध के लिए निकला। भौमासुर को स्त्री के हाथों मरने का श्राप था इसलिए भगवान श्रीकृष्ण ने अपनी पत्नी सत्यभामा को सारथी बनाया और घोर युद्ध के बाद अंत में कृष्ण ने सत्यभामा की सहायता से उसका वध कर डाला।
भौमासुर को मारकर श्रीकृष्ण ने उसके पुत्र भगदत्त को अभयदान देकर उसे प्रागज्योतिष का राजा बनाया। भौमासुर के द्वारा हरण कर लाई गईं 16,100कन्याओं को श्रीकृष्ण ने मुक्त कर दिया। वे सभी भौमासुर के द्वारा पीड़ित थीं, दुखी थीं, अपमानित, लांछित और कलंकित थीं।
सामाजिक मान्यताओं के चलते भौमासुर द्वारा बंधक बनकर रखी गई इन नारियों को कोई भी अपनाने को तैयार नहीं था, तब श्रीकृष्ण ने सभी को आश्रय दिया।
ऐसी स्थिति में उन सभी कन्याओं ने श्रीकृष्ण को ही अपना सबकुछ मानते हुए उन्हें पति रूप में स्वीकार किया, लेकिन श्रीकृष्ण उन्हें इस तरह नहीं मानते थे।
उन सभी को श्रीकृष्ण अपने साथ द्वारिकापुरी ले आए। वहां वे सभी कन्याएं स्वतंत्रपूर्वक अपनी इच्छानुसार सम्मानपूर्वक द्वारका में रहती थी। महल में नहीं। वे सभी वहां भजन, कीर्तन, ईश्वर भक्ति आदि करके सुखपूर्वक रहती थीं।
ये भक्ति की पराकाष्ठा थी, ये ईश्वर का न्याय था, ये भगवान श्री कृष्ण की दुनिया को एक अप्रतिम सीख थी...लेकिन कुछ कलयुगी राक्षसों ने इस सीख को भी दूषित करना चाहा है। परंतु सत्य अधिक समय तक छुपता नहीं।
बोल श्री कृष्ण कन्हैया लाल की ..........जय
*खोडाभाई_भगवा ध्वज रक्षक समूह*
🚩 जय श्री कृष्णा 🚩
ReplyDeleteJay sri radhe radhe krishna ji, सच्चाई छुप नहीं सकती है झूठे यसूलो से। और खुशबू आ नहीं सकती कागज के बनें फूलों से।।
ReplyDeleteJai shree krishna
ReplyDeleteजय श्री कृष्णा 🙏🚩🕉️
ReplyDeleteishwarsinghrajput454@gmail.com
ReplyDelete