जन्माष्ठमी विशेष:- सन्कल्प

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 जय श्री कृष्ण

सबसे पहले तो सभी भक्तों को कृष्ण जन्माष्टमी के महापर्व की हार्दिक शुभकामनाएं।

बड़ा सवाल:- कृष्ण जन्माष्ठमी क्या केवल एक उत्सव है जिसे मनाएं और भूल जाएं?

दोस्तों हम सभी जानते हैं कि कृष्णजन्माष्टमी के दिन लोग बड़े धूम धाम से इस त्योंहार को मनाते हैं, मंदिरों में बड़े बड़े आयोजन होते हैं, दही हांडी फोड़ी जाती है, चारों तरफ खुशियां ही खुशियां होती है।

परन्तु क्या हम इस दिन भगवान की कही बातें भी याद करते हैं? क्या हमें इस दिन योगेश्वर श्री कृष्ण की बातों का अनुशरण नहीं करना चाहिए? क्या हम धर्म रक्षा कर पा रहे हैं? क्या हम शत्रुओं का , अधर्मियों का नाश करने में सक्षम हैं?

यदि हम धर्म रक्षा और अधर्म के नाश में सक्षम नहीं हैं तो ये जन्माष्टमी और कितने वर्षों तक मना पाएंगे?

भगवान श्री कृष्ण का धरती पर अवतार लेने का उद्द्देष्य ही धर्म की रक्षा और पापियों का नाश करना था लेकिन हम जन्माष्टमी के महापर्व पर उन्हें याद करते हैं तो केवल 56 भोग, मटकी फोड़ना, पालने में झुलाना, भजन-कीर्तन आदि के रूप में..

इसमें पाप के संघार का संकल्प क्यों हमें नहीं जोड़ना चाहिए? क्या अधर्म से लड़ने की तैयारी का संकल्प हमें नहीं लेना चाहिए? क्या धर्म की रक्षा हेतु हमें खुदको और समाज को तैयार नहीं करना चाहिये?

जब तक हम धर्म रक्षा का संकल्प नहीं लेंगे, जब तक हम अधर्मियों के नाश की तैयारी नहीं करेंगे, जब तक हम भगवान श्री कृष्ण के श्रीमद्भागवत गीता में दिए गए उपदेशों का अनुशरण नहीं करेंगे तब तक हमारा जीवन पशुओं की भांति व्यर्थ है..जिसमे हम केवल जी रहे हैं अपने लिए, अपने परिवार के लिए।

ये मनुष्य जीवन हमें धर्म के लिए मिला है। हमें यथासम्भव धर्म की रक्षा, धर्म का प्रचार और अधर्म का नाश करना चाहिए,  लेकिन हम ऐसा नहीं कर पा रहे इसीलिए आज हम जिहाद से पीड़ित हैं, हम मिशनरीयों के धर्मांतरण से पीड़ित हैं हम पलायन करते फिर रहे हैं और ऐसा होता रहेगा यदि भगवान श्री कृष्ण का अनुशरण नहीं किया तो।

चाहे जेहाद हो या मिशनरीयों का धर्मांतरण...उनकी सफलता का मुख्य कारण है हिन्दुओं में धर्म ज्ञान का अभाव, उनका अपने धर्म के प्रति निष्ठा का अभाव। हमारे बच्चों को यदि हम अपने सच्चे इतिहास का अपने धर्म का ज्ञान दें, सही संस्कार दें तो उन्हें विधर्मी कभी बरगला नहीं पाएंगे, वो कभी गलत माँर्ग पर नहीं चलेंगे...लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण हैं की हिन्दू समाज ऐसा कर नहीं पा रहा, जिसके दुष्परिणाम हमें देखने मिल रहे हैं।

समाधान:- आइये आज इस अति पावन दिवश पर भगवान श्री कृष्ण को शाक्षी मानकर सन्कल्प लें कि गीता रूपी उनके ज्ञान को हम भी समझेंगे और अपनों सहित सबको समझाने की कोशिश करेंगे ताकि सभी मिलकर धर्म की रक्षा कर सकें और अधर्म का नाश कर सकें

पुनः एक बार आप सभी को कृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएं

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18Comments
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  1. जय श्री कृष्ण

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  2. “नन्द के आनन्द भयो, जय कन्हैया लाल की।”

    श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के पावन पर्व की आप सभी को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं।����

    जय श्री कृष्ण ��

    Join �� https://t.me/PrashasakSamitiOfficial

    ����������������️

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  3. जय श्री कृष्ण

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  4. आप सभी को श्री कृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव की ढेर सारी शुभकामनाएं, भगवान आप सभी पर अपनी कृपा सदैव बनाएं रखें 🙏🙏🥳💐🇮🇳
    #जय_श्री_कृष्ण

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  5. जय श्री राधे कृष्णा

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  6. जय श्री राधे कृष्णाश्री

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  7. नंद के आनंद भयो जय कन्हैया लाल की
    🎉

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  8. अपने हिन्दु धर्म की रक्षा हेतु रक्षण के लिये श्रीमद भगवद गिता के उपदेश सान्ख्ययोग, ग्यानयोग,और महत्वपूर्ण कर्मयोग का अनुसरण करके हमे धर्म का महत्त्व प्राप्त करना होगा !जय श्रीक्रुष्ण.

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  9. हरे राम हरे राम, राम राम हरे हरे |
    हरे कृष्ण हरे कृष्ण, कृष्ण कृष्ण हरे हरे ||🚩🙏

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  10. जय श्री कृष्णा 🚩🙏

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  11. Jai shri krishana har har govinda

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  12. जय श्री राधेकृष्ण 🙏🌹🙏🙂

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  13. उत्कृष्ट विचार।

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  14. जय श्री राधेकृष्ण 🙏🌹🙏

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