सर्वप्रथम तो देश के लिए लड़ते हुए भारत माता के आंचल में समा जाने वाले वीर बलिदानी सैनिकों को शत शत नमन
आइये आ हम जानते हैं कि कारगिल युद्ध क्या था? इसे विजय दिवस के रूप में क्यों मनाते हैं और क्या केवल इस एक दिन श्रद्धांजलि भरे सन्देश भेजने से उनका बलिदान सफल हो जाएगा? यदि नहीं तो कैसे हम उन बलिदानियों का थोडासा ऋण चुका सकते हैं.....
कारगिल के युद्ध में भारत को मिली सफलता को 22 साल हो गए हैं। भारतीय सेना के शौर्य और पराक्रम का प्रतीक कारगिल विजय दिवस हर साल 26 जुलाई को मनाया जाता है। साल 1999 में कारगिल युद्ध में देश के वीर-जवानों ने पाकिस्तान को धूल चटा दी थी। कारगिल विजय दिवस के मौके पर देशवासी अपने प्राणों की आहुति देकर भारत माता की रक्षा करने वाले वीर जवानों को याद करते हैं और उन्हें श्रद्धाजंलि देते है। कारगिल युद्ध में भारतीय सैनिकों ने अपने अदम्य शौर्य और वीरता का परिचय देते हुए पाकिस्तान के करीब 3 हजार सैनिकों को मार गिराया था। यह युद्ध 18 हजार फीट की ऊंचाई पर लड़ा गया था।
इस युद्ध के दौरान भारतीय सैनिकों को कई बड़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ा था। पाकिस्तानी सैनिक ऊंची पहाड़ियों पर थे और हमारे वीर-जवानों को रात भर में चढ़ाई कर पहुंचना था। यह युद्ध 60 दिनों तक चला था और आखिर में पाकिस्तान को मुंह के बल गिरना पड़ा था।
वैसे तो भारत माता के वीर सपूत किसी भी युद्ध मे हार ही नहीं सकते और यदि हार का सामना करना भी पड़े तो उसके पीछे कारण गन्दी राजनीति होती है। हमारी सेना के जवानों में जो राष्ट्रभक्ति भरी पड़ी है वह किसी भी हाल में उन्हें हार ने देगी ही नहीं क्योंकि वह जानते हैं कि उनकी हार का अर्थ भारत माता की हार है और यह बात हमारा कोई भी जवान किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं कर सकता
लिंक पर क्लिक कर सुनिये "योगी देवनाथ जी" ने भारत माता के वीर सपूतों के प्रति क्या कहा?👇
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हमारे वीर जवान अपने प्राणों को तो न्योछावर करने के लिए तैयार रहते हैं लेकिन वो कभी भारत की हार की बात सोच भी नहीं सकते और यही कारण है कि मुश्किल से मुश्किल लड़ाई भी बड़े से बड़े शत्रु से हमारे सैनिक निडर होकर मन मे अथाह राष्ट्रभक्ति भरकर लड़ते हैं।
अब हमें यह विचार करना चाहिए कि क्या कुछ अवसरों पर इन बलिदानी सैनिकों को श्रद्धांजलि दे देने से इनका बलिदान सफल हो जाएगा क्या केवल श्रद्धांजलि दे देना ही हमारा कर्तव्य है या इसके अलावा भी हमें कुछ करना चाहिए जिससे हमारे वीर बलिदानी सैनिकों का बलिदान व्यर्थ ना जाए
चीन और पाकिस्तान जैसे दो बड़े शत्रु हमारे देश पर नजर गड़ाए बैठे हैं और किसी ना किसी प्रकार से वह सदैव हमारे देश को बर्बाद करने की कोशिशों में लगे रहते हैं बॉर्डर पर तो हमारे सैनिक इन्हें जवाब देने के लिए सक्षम है परंतु देश के भीतर भी देश की जनता को इन्हें जवाब देने के लिए अपने आप को सक्षम बनाना होगा।
देश के भीतर बैठे पाकिस्तान परस्तों का हम राष्ट्र भक्तों को जोरदार विरोध करना चाहिए और जितना संभव हो हमें चीन के सामान का बहिष्कार करना चाहिए हम मानते हैं कि आज भी बहुत से ऐसे सामान है जिनका हम संभव है इतनी जल्दी बहिष्कार न कर सके परंतु वर्तमान में हमारा देश आगे बढ़ रहा है और हर क्षेत्र में आगे बढ़ते हुए हर वस्तु का प्रोडक्शन कर रहा है तो हमें यह सोचना चाहिए कि जो वस्तु हमें खरीदनी है उसका चाइना के अलावा कोई विकल्प उपलब्ध है तो हम उसे ही खरीदें भले ही उसके लिए हमें थोड़ा सा खर्चा अधिक क्यों ना करना पड़े
बॉलीवुड में बैठे पाकिस्तानी कलाकारों और पाकिस्तान परस्त कलाकारों का भी हमें बहिष्कार करना चाहिए और उनका जमकर विरोध भी करना चाहिए क्योंकि यह लोग हमारे ही देश के साथ गद्दारी करते हैं
पाकिस्तान और चीन हर हाल में हमारे देश को बर्बाद करना चाहते हैं और हम उनके कलाकारों या उनके उद्योगपतियों को पैसा देकर इन दोनों की ही शक्ति बढ़ा रहे हैं जो आगे चलकर हमारे ही देश के लिए हानिकारक सिद्ध होगा
तो आइए हमारे वीर जवानों को सच्ची श्रद्धांजलि देने के लिए हम संकल्प लें कि हम चीन के सामान का हर संभव बहिष्कार करेंगे और पाकिस्तानी कलाकारों तथा पाकिस्तान परस्त कलाकारों तथा अन्य पाकिस्तान परस्त लोगों का भी विरोध तथा बहिष्कार पुरजोर ताकत के साथ करेंगे
एक बार फिर हमारे वीर जवानों को नमन करते हुए बलिदानी यों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं
कमेंट में वंदे मातरम, भारत माता की जय के साथ वीर जवानों को श्रधांजलि अर्पित करें और ब्लॉग को शेयर कर हमारा मनोबल बढ़ाएं
जय हिंद
भारत माता की जय
बहुत ही उत्कृष्ट जानकारी हैं प्रशासक समिति हमेशा से ही राष्ट्रहित के मुद्दों को उजागर कर सनातन प्रेमियों को अवगत करती रही हैं 🚩🙏👍
ReplyDeleteवंदे मातरम
ReplyDeleteजय हिंद
भारत माता की जय
जय श्री राम
हर हर महादेव
जी बहुत अच्छा लेख है, इसे पढ़कर ऐसा लगा जैसे आपने मेरे मन की बात ही लिख दी हो ।
बस इसीलिए हम प्रशासक समिति से बहुत प्यार करते हैं ।
कई मुद्दों पर तो राष्ट्रप्रेम की सही परिभाषा हमें आपसे ही पता चलती है ।
इस अद्भुत लेख के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद ।
जय श्री राम शानदार लेख 🚩🕉️
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