पूरी दुनिया की नज़रें भारत के बजट पर क्यों ?
(इकॉनोमिक सर्वे)
- बजट सत्र की शुरुआत में मोदी का अहम बयान यही था कि दुनिया भारत के बजट की तरफ देख रही है
- वर्ल्ड बैंक के मुताबिक वैश्विक विकास दर 2023 में सिर्फ 1.7 प्रतिशत रहने वाली है लेकिन संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट में अनुमान है कि भारत 2023 में 6.7 प्रतिशत की विकास दर से आगे बढेगा यानी निगेटिव में जा रही दुनिया की अर्थव्यवस्था को भारत ने पॉजिटिव किया है ।
- दुनिया में साख निर्धारित करने वाली अमेरिका की कंपनी S & P ने सितंबर 2022 में भारत को लेकर टिप्पणी की थी कि वैश्विक मंदी के दौर में भी भारत चमचमाता हुआ सितारा है ।
- इकॉनोमिक सर्वे में कहा गया है कि भारत ने कोरोना के दौरान अर्थव्यवस्था में हुई गिरावट को खत्म किया है यानी अर्थव्यवस्था की रिकवरी हो गई है
- 2023 का बजट प्रधानमंत्री मोदी के दूसरे कार्यकाल का आखिरी पूर्ण बजट है । इसके बाद साल 2024 में लोकसभा के चुनाव होंगे और इसीलिए 2024 में अंतरिम बजट ही पेश किया जाएगा ।
- प्रधानमंत्री ने साल 2014 में संकल्प लिया था कि साल 2024 तक भारत को 5 लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था बना देंगे । लेकिन कोरोना की वजह से टारगेट मिस हुआ । अब अनुमान ये है कि साल 2023 तक भारत 3.7 लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था बन जाएगा ।
- हालांकी भारत ब्रिटेन को पीछे छोड़कर दुनिया में पांचवे नंबर की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है । अब प्रधानमंत्री का नया टारगेट ये है कि साल 2047 तक भारत को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाना है (मोदी मिशन 2047, एक PFI का भी मिशन 2047 है - अब हमें तय करना होगा की हमें किस मिशन पर चलना है..?)
- केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी के बयान के मुतबिक दिसंबर 2021 से दिसंबर 2022 तक भारत में डीजल की कीमतें 3 फीसदी बढ़ी हैं इसके अलावा इसी समय अवधि में डीजलों की कीमतें अमेरिका में 34 फीसदी, कनैडा में 36 फीसदी बढ़ी हैं, स्पेन में 25 प्रतिशत बढ़ी हैं और ब्रिटेन में 10 प्रतिशत तक बढ़ी हैं । यानी भारत की स्थिति बेहतर है
- लेकिन पेट्रोल के मामले में देखा जाए तो 7 महीनों में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल के दामों में 32 प्रतिशत की गिरावट हुई है लेकिन पेट्रोल के दाम नहीं घटे हैं ।
- एसोसिएशन ऑफ म्युचुअल फंड के आंकड़ों के मुताबिक दिसंबर 2021 में भारत के अंदर SIP धारक 4 करोड़ 90 लाख थे लेकिन दिसंबर 2022 में भरत के अंदर SIP धारक 6 करोड 12 लाख हुए । यानी भारत के अंदर SIP धारकों की संख्या में 1 करोड़ 21 लाख 63 हजार की बढोत्तरी हुई है
- 2021 की तुलना में 2022 में देश के अंदर स्टार्ट अप्स की संख्या में भी करीब 50 हजार का इजाफा बताया जा रहा है
- हाल ही में UAE और ऑस्ट्रेलिया के साथ भारत ने फ्री ट्रेड एग्रीमेंट यानी मुक्त व्यापार समझौता किया है खुशी की बात ये है कि ऑस्ट्रेलिया के अंदर भारत की 6 हजार वस्तुओं पर अब कोई टैक्स नहीं लग रहा है
- हालांकी चीन के साथ व्यापार घाटा अब भी भारत के लिए एक बड़ी चुनौती है 2022 में चीन के साथ व्यापार घाटा 100 अरब डॉलर के पार जा चुका है । लेकिन दुनिया में स्मार्ट फोन के बाजार में भारत ने चीन के मुकाबले बेहतर प्रदर्शन किया है ।
- भारत की 7 वंदेभारत रेलगाडियों ने कुल 23 लाख किलोमीटर से ज्यादा का सफर तय किया है और इन ट्रेनों में अब तक 40 लाख से ज्यादा यात्री सफर कर चुके हैं ।