#देश_पर_कभी_कोई_मुसीबत_आएगी_तो_देश_के_व्यापारी_ही_मदद_करेंगे_कोई_भूरी_घसड़_या_हिंडनबर्ग_नहीं_
MRF पर विप्रो पर,हिमालया पर, वॉकहार्ट पर,प्रेस्टीज ग्रुप पर या फिर अम्मी की बिरयानी पर कभी हमला हुआ, नही न...?
मोंगिनिस पर, सिप्ला पर, रेड चिलीज पर, हम दर्द पर,स्पोर्ट् वीक पर, निजाम समूह पर, बुखारी जमात पर ,ईस्ट वेस्ट एयरलाइंस पर,आईडी फ्रेश फूड पर,मालाबार गोल्ड ग्रुप पर, जाय, जोसेफ, स्टेनली, एलेक्स, माईकल, अलुखास या फिर मुथुट फाइनेंस ग्रुप पर कभी हमला हुआ हो। जवाब है बिलकुल नहीं नेस्ले कंपनी ठीक है उसके मालिक को हम जानते ही नहीं P&G भी ठीक है पता नही मालिक कौन है,कोका पेप्सिको भी ठीक है उनके मालिकों का भी अता पता नहीं है हमे लेकिन हा हम सबको ये जरूर पता है मुकेश अंबानी व गौतम अडानी चोर हैं बाबा रामदेव भी चोर हैं और टाटा व बिडला तो पुरानें चोर हैं ही संसद की नई बिल्डिंग ठेका टाटा को कैसे और क्यों मिला सोलर प्रोजेक्ट का ठेका चीन की जगह अडानी को कैसे मिल गया भई पतांजलि प्रोडक्ट विदेशियों से सस्ते हैं पर रामदेव बाबा बेईमान हैं। सत्तर सालों के वामी कांगीये इको सिस्टम नें हमारें दिमाग में ये बैठा दिया कि भारत के सभी सेठ चोर ठग होते हैं कोई भी भारतीय आदमी बड़ा हो ही नही सकता...?
देश भले आजाद हो गया पर गोरी चमड़ी की गुलामी आज तक गयी नही, हमें तो बस ये सुन कर मजा आ गया अमेरिका की किसी ऐजेंसी रिपोर्ट के कारण अडानी के चौंतीस अरब डॉलर डूब गयें दुनियां का अमीर आदमी कोई भारतीय कैसे हो सकता है। भारत तो सांप संपेरों भूखे नंगों का देश है गरीबी तो हिन्दूओ की देंन है एक चावल की बोरी लो कंवर्ट हो जाओ कब्र मजारो पर जाकर मत्था फोड़ों चादर चढ़ाओ इसी में कल्याण है, लेहरू गांधी की व्यवस्था नें यही तो बताया है। हमारी यहां तक सोच ही नही थी कि सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया,भारत बायोटेक नाम की कोई भारतीय कंपनीयां भी कोरोना वैक्सीन बना सकती है खैर बना भी लिया तो क्या हुआ हमें तो अमेरिकन फाईजर की वैक्सीन चाहिए भले चाहे उसे लगवा लुल्लाह को प्यारें हो जाएं महिंद्रा और मारूति कंपनियां जरूरत पड़ने पर वैनटिलेटर कैसे बना सकतीं हैं पहले बता तो दिया था कि कोरोना से भारत में करोड़ों लोग मरने वाले हैं हमारें पास ना तो PPE किट थें न ही N95 मास्क सब कुछ विदेश से जो आना था विदेश मतलब चाईना...?
ये कैसे हुआ की भारत नें दुनिया भर के देशों को दवाईया मास्क PPE किट भिजवाए। इस वामि कांगी सोच से बाहर निकलिये भारत अब कोई लूला लंगड़ा लाचार बेचारा देश नही रहा ये नया भारत है समस्याओं को टालता नही बल्कि उन समस्याओं से टकराता है। उन्हें उडाने दिजिए आत्म निर्भर भारत का मजाक मांगनें दिजिए आजादी, काटनें दिजिए चिकेन नेक, मनानें दिजिए अफजल याकूब कसाइयों की बरसीयां।
अरे अमेजान ने चालीस % की गिरावट दर्ज की फोरन दस % कर्मचारियों को निकाल बाहर किया, गुगल की पचास % गिरावट पंद्रह फीसदी वर्करो की रोजी खा गई, फेसबुक साठ % गिरा बीस परसेंट को घर का रास्ता दिखा दिया।
अडानी एंटरप्राइज 70 % तक नीचे आ गया एक भी कर्मचारी ने नौकरी नहीँ खोई किसी व्यक्ति की कितनी परीक्षा लेंगे। सोचो और समझो पेगासस फेल हुआ अब हिंडनबर्ग विपक्ष की अम्मी से याराना गांठ नया नया बाप बना है। बीबीसी हिंडनबर्ग जेसे विदेशी भाड़े के टट्टू विपक्ष के नए और लेटेस्ट वर्जन टूल किट है जिनका मकसद सिर्फ अडानी व अंबानी को बर्बाद करना है...?
वर्ष 2014 से आज तक शायद कोई ऐसा संसद सत्र हुआ होगा जिसे विपक्ष ने हंगामा करके बर्बाद न किया हो हर सत्र से पहले ही तैयारी कर ली जाती थी संसद को किसी कीमत पर चलने ही न दिया जाए और टेक्स पेयर का करोड़ों रुपया संसद में हंगामा करके फूँक दिया जाए।
कुछ समय पहले का याद होगा पेगासस जासूसी को लेकर संसद ठप की गई थी विपक्ष ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका भी लगाई थी ऐसे में जब मामला अदालत विचाराधीन था तो संसद में हंगामे का कोई औचित्य ही नहीं बनता था मगर विपक्ष ने ऐसा किया। बीस विपक्षी सांसद निलंबित भी किए गए पेगासस विषय में सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुना दिया कि सरकार ने कोई गलत काम नहीं किया और किसी तरह की जासूसी नहीं की गई उस वक्त विपक्ष को पेगासस खुराक दे रहा था बीबीसी हिंडनबर्ग को पेगासस के फेल होने पर खड़ा किया गया है ऐसी ही खुराक कभी विपक्ष को राफेल ने दी थी...?
विपक्ष को तकलीफ ये है कि भारत की GDP कोरोना संकट के बावजूद कैसे बढ़ रही है। कैसे विदेशी निवेश बढ़ रहा है ? भारतीय वैक्सीन सफल केसे हो गई जबकि चाइना की फेल हो गई? और फ़ाइज़र की वैक्सीन पर सवाल खड़े हो गए विपक्ष की तकलीफ यह है कि मोदी ने फ़ाइज़र आने नहीं दी और विपक्ष को दलाली खाने का मौका नहीं मिला। विपक्ष को तकलीफ है भारत की श्री लंका जैसी हालात क्यों नहीं हैं और पाकिस्तान की तरह भारत कटोरा हाथ लिए क्यों नहीं घूम रहा, भारत में महंगाई पाकिस्तान की तरह सताइस % क्यों नहीं है, यहां पर अमेरिका व यूरोप की तरह महंगाई क्यों नहीं बढ़ रही। विपक्ष को तकलीफ ये भी है कि उनकी सब कोशिश के बावजूद मोदी जी की लोकप्रियता विश्व में सबसे ज्यादा कैसे है।
विपक्ष के मंसूबे तो तब फेल हो गए थे जब चीन की हुवावे कंपनी 5G के लिए कांग्रेसी नेता जय राम रमेश के जरिए लॉबिंग करती रह गई और मुकेश अंबानी ने 5G को बाजार में लाकर चाइना का बैंड बजा दिया। आज बीबीसी को पैसा देकर भारत के खिलाफ प्रचार करा रहा है विपक्ष की तकलीफ ये है कि भारत मोदी के राज में G20 की अध्यक्षता कर विश्व में अपनी धाक कैसे जमा रहा है मोदी देश की सेना को मजबूत कैसे कर रहा है और जनकल्याण की सभी योजनाएं कैसे सफल हो रही हैं...?
फाइव स्टारी किसान आंदोलन की आड़ में टूल किट को सफल बनाने की कोशिश की गई थी जिसमें "अडानी और अंबानी" को बर्बाद करना भी एक लक्ष्य था मगर जस्टिस चंद्रचूड़ ने टूल किट जांच की मांग करने वाली याचिका को निरस्त कर कह दिया था टूलकिट पसंद नहीं है उस पर ध्यान मत दो,आज फिर टूल किट के उसी खेल को पूरा करने का षड़यंत्र किया जा रहा है देश की जनता को हिंडनबर्ग और बीबीसी जैसी संस्थाओं के षड्यंत्रों से सावधान रहना होगा। इन विदेशी संस्थाओं के बहकावे में आ हम अपने ही उद्योगपतियों के खिलाफ सोचना शुरू कर देंगे तो देश के लिए बहुत घातक होग। उद्योगपति ही देश को आर्थिक शक्ति बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। विधर्मियोंं से सजा विपक्ष तो विदेशियों के इशारों पर भाड़े के टट्टूओ के साथ मिलके देश का सर्वनाश करने पर आमादा है...?
खेला खेलने मे देश् विरोधियो ने अगर अडानी अंबानी को गिरा दिया तो सोचो दोनो ने देश के करोडों लोगों को जो रोजगार दे रखा है, विरोधी सफल हो गये तो उनका क्या होगा अगर अडानी अंबानी बरबाद होते है तो बर्बाद बहुत कुछ हो जायेगा इस लिए अडाणी अंबानी जेसे इन देशी अरबपतियों का साथ दो बहकावे मे न आना वो तो मज़े में जिंदगी जी लेंगे पर तुम जो उनके पीछे मज़े कर रहे हो तब वो रोटी भी नसीब नहीं होगी विधर्मी विरोधी तो चाहते यही है पाकिस्तान से बुरा हाल हो भारत का पर ऐसा सोचने वालों के मुँह पर तमाचा नहीं जूता पड़ेगा ये मोदी राज है बस आप सभी मोदी संग पकड मजबूती बनाये रखे,जय भारत माता की...और हां हमारा भी ध्यान रखे आप सबके सहारे ही...
आंख खोलने बाली जानकारी बहुत अच्छी लगी
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