हिंदू आस्था के साथ खिलवाड़ कब तक और क्यों??

0

हिंदू आस्था के साथ खिलवाड़ कब तक और क्यों?? और इसका समाधान क्या है



👉हम सभी देख रहे हैं कि लगातार हिंदू आस्था पर प्रहार देश- विदेश में होते आ रहे हैं लेकिन कोई कठोर कार्यवाही नहीं हो रहे हैं कि कारण यह आए दिन बढ़ते ही जा रहे हैं।

👉भारत में हिंदू आस्था पर प्रहार और हिंदू मंदिरों में तोड़फोड़ का कार्य लगातार लंबे समय से चलता आ रहा है और उस पर कोई कठोर प्रतिक्रिया नहीं होने अथवा कठोर कार्यवाही नहीं होने के कारण अब यह कार्य विश्व भर में बहुत सुगमता से होने लगा है।

👉कभी जिहादी कभी ईसाई , मिशनरी, कभी वामपंथी तो कभी खालिस्तानी। पिछले 4 दिनों में खालिस्तानी और द्वारा ऑस्ट्रेलिया में 2 हिंदू मंदिरों को निशाना बनाया गया हिंदुओं के लिए अब शब्द लिखे गए और देश के प्रधानमंत्री को भी खत्म करने की बातें की गई तथा हिंदुस्तान मुर्दाबाद के नारे लगाए गए।

👉भारत में हिंदू देवी देवताओं , हिंदू परंपराओं,  हिंदू रीति-रिवाजों , हिंदू शास्त्रों और हिंदू साधु संतों का लगातार अपमान होता है , उन पर हमले होते आ रहा है लेकिन अपराधियों के विरुद्ध ना कोई कठोर कार्यवाही होती है और ना ही हिंदू समाज कोई कठोर प्रतिक्रिया देता है ,जिस कारण ये कुकृत्य लगातार चल रहे हैं।

👉बॉलीवुड की फिल्मों के बारे में तो सभी को पता है कि किस प्रकार बॉलीवुड की फिल्में हिंदू आस्था पर प्रहार करती आई है। लेकिन अब थोड़ा सा हिंदू जाग रहा है इसलिए उसने इस बॉलीवुड का बॉयकॉट करना प्रारंभ कर दिया।


😒दुर्भाग्यपूर्ण -  मां काली का अपमान करने वाली फिल्म प्रड्यूसर का हिंदू समाज ने भरपूर विरोध किया और उस पर अनेकों f.i.r. करवाई जिन्हें खत्म करवाने के लिए अब वह विधर्मी सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है तथा आज यानी 20 जनवरी 2023 को उस पर सुनवाई भी होनी है। क्या ऐसे मामलों पर सुप्रीम कोर्ट को सुनवाई करनी चाहिए जब f.i.r. हिंदू समाज ने की है तो कार्यवाही पुलिस प्रशासन को करनी चाहिए ताकि इस प्रकार की गलत हरकतें रुक सके।

😡बिहार के अनपढ़ शिक्षा मंत्री की घटिया हरकत भी आप सभी को पता है कि किस प्रकार उसने रामचरितमानस का अपमान किया मनुस्मृति का अपमान किया और माफी मांगने के लिए जब कहा गया तो फिर से उसने अपनी गंदी बातों को दोहराया और अब नीतीश साहब यह कह रहे हैं कि हमने मंत्री जी को समझा दिया है और वह अपने शब्द वापस ले लेंगे क्या शब्द कभी वापस लिए जा सकते हैं जिस प्रकार कमान से तीर छोड़ जाने के बाद वापस नहीं आ सकता वैसे ही जबान से शब्द निकलने के बाद वापस नहीं आ सकते।


👉ऐसी हरकतें आए दिन बढ़ती जा रही है और इसका कारण मात्र यही है कि हिंदू समाज अपने धर्म की रक्षा के लिए तत्पर नहीं है, सज्ज नहीं है, वह इन दुष्टों का प्रतिकार ठीक से नहीं कर पाता जिस कारण इन्हें कानून कोई सजा नहीं देता और यह आगे बढ़ कर  अपनी गंदी हरकतें दोहराते हैं तथा बार-बार हमारे धर्म हमारे देवी-देवताओं, हमारे साधु-संतों, हमारे शास्त्रों, हमारी रीति-रिवाजों पर हमले होते हैं उन्हें अपमानित किया जाता है और हमारी आस्था को ठेस पहुंचाया जाता है।

✊इन सब को रोकने का एक ही तरीका है कि सनातन धर्म का ढंग से प्रचार प्रसार किया जाए, हर व्यक्ति सनातन धर्म को धारण करें अपने धर्म,  देवी-देवताओं, रीति-रिवाजों, शास्त्रों को समझें और जो कोई इनके विरुद्ध जहर उगले उसका पुरजोर प्रतिकार करें। अन्य मजहब और पंथ के लोग अपने मजहब / पंत की रक्षा के लिए पूरी ताकत के साथ खड़े होते हैं और कोई उनके मजहब / पंत का अपमान कर दे तो वह क्या करते हैं कि हम सभी बहुत अच्छे से जानते हैंऔर प्रशासन भी उनके साथ खड़ा होता है। अपने धर्म की रक्षा करना हमारा कर्तव्य है और वह हमें करना चाहिए।

✊हमारे देश में हिंदुओं के नाम पर अनगिनत संगठन है सभी अपना अपना कार्य कर रहे हैं सबका अपना अलग अलग तरीका होता है लेकिन जब बात धर्म की आए जब धर्म का अपमान हो तो सब को एकजुट होकर एक साथ संगठित होकर पुरजोर विरोध करना चाहिए आवाज उठानी चाहिए तभी जाकर हमारे धर्म का अपमान बंद होगा और हमारे धर्म का सम्मान हो सकेगा।

हिंदू आस्था का अपमान कब तक - इसी विषय पर प्रशासक समिति द्वारा रविवार 22 जनवरी 2023 को प्रातः 10 बजे से ट्विटर पर ट्रेंड चलाया जाएगा... सभी सनातनी एकजुट होकर सहयोग करें और आवाज उठाएं।

समिति को ट्विटर पर फॉलो करें 👇👇👇👇👇

https://twitter.com/Prashask_Samiti

https://www.twitter.com/OfficialTeamPs


अर्थ सहयोग⤵️ लिंक पर क्लिक कर Qr code के माध्यम से समिति का सहयोग कर सकते हैं।https://www.facebook.com/2262905757068151/posts/pfbid02Si2dYVhsfLEySaN9zNmYZvUX4rAoPdAzkAB58DasfravpdPuBd4BfJqXjafuuJEBl/ 




Post a Comment

0Comments
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.
Post a Comment (0)

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Learn More
Accept !