🔱अष्ट सिद्धि

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 अष्ट सिद्धि


धर्मग्रंथों में आठ सिद्धियों के बारे में बताया गया है। साथ ही यह भी बताया गया है कि उनकी प्राप्ति के बाद एक साधक के अंदर कौन-सा सामर्थ्य उत्पन्न हो जाते हैं। लेकिन सिद्धियों की प्राप्त करना इतना आसान भी नहीं है, इसके लिए मनुष्य को अनुशासित होना, मन मन पर नियंत्रण होना अतिआवश्यक है। बताया जाता है कि सिद्धियां प्राप्ति के बाद साधक सांसारिक मोह और भौतिक वस्तुओं की प्राप्ति की लालसा से ऊपर उठ जाता है। आइए जानते हैं कि ये आठ सिद्धियां कौन सी होती हैं और इनको प्राप्त करने के बाद कौन से चमत्कार होते हैं…



 *पहली सिद्धि ‘अणिमा’* स्वयं को सूक्ष्म कर लेने की क्षमता को ही अणिमा कहा जाता है।  

इससे सिद्धि को प्राप्त कर लेने से इंसान छोटा शरीर धारण कर सकता है।साधक जब चाहे एक अणु के बराबर का सूक्ष्म देह धारण करने को सक्षम होता है।


 *दूसरी सिद्धि ‘महिमा’* इस सिद्धि को प्राप्त करने के बाद मनुष्य अपने आपको असीमित विशाल बननेकी क्षमता रखता है।

वह अपने शरीर को किसी भी सीमा तक फैला सकता है। साथ ही वह प्रकृति का विस्तार भी कर सकता है।


 *तीसरी सिद्धि ‘गरिमा’* इस सिद्धि को प्राप्त करने के बाद व्यक्ति का आकार तो सिमित रहता है लेकिन शरीर का भार इतना बढ़ जाता है की कोई भी उसे हिला तक नही सकता। ठीक वैसे ही जैसे हनुमान जी के पूछ को भीम जैसा बलशाली हिला तक नही पाया था।


 *चौथी सिद्धि ‘लघिमा’* इस सिद्धि को प्राप्त करने के बाद व्यक्ति का शरीर इतना हल्का हो सकता है कि वो  हवा से भी तेज गति से उड़ सकता है।

उसके शरीर का भार ना के बराबर होता है।

वह अपनी इच्छा से किसी भी चीज़ के पास जा सकता है,और उसे अपने पास भी ला सकता है।


 *पांचवी सिद्धि है 'प्राप्ति सिद्धि'* जैसा कि इसके नाम से साफ होता है कि इस सिद्धि को प्राप्त कर लेने के बाद व्यक्ति कुछ भी प्राप्त कर सकता है।

नामुमकिन को मुमकिन में बदलनेकी क्षमता प्रदान करती है प्राप्ति सिद्धि।वह धरती पर जो चाहे कर सकता है, सभी उसके गुलाम होंगे।


 *छठी सिद्धि ‘प्राकाम्य सिद्धि’* इस सिद्धि को प्राप्त करने के बाद व्यक्ति किसी भी व्यक्ति के मन की बात को जान और समझ सकता है। किसी की भी इच्छा को भांप सकता है। चाहे सामने वाला व्यक्ति बताये या ना बताये।


 *सातवीं सिद्धि ‘ईशिता सिद्धि’* इसका अर्थ होता है आधिपत्य। यह भगवान की उपाधि है। इस सिद्धि को प्राप्त करने के बाद व्यक्ति भगवान के श्रेणी में खड़ा हो जाता है। वह दुनिया पर अपना स्वामित्व प्राप्त कर सकता है।


आठवीं सिद्धि ‘वशिता सिद्धि’


 *आठवीं वशिता सिद्धि है।* इस सिद्धि को प्राप्त करने के बाद व्यक्ति किसी भी व्यक्ति या वस्तु को आसानी से अपने वश में कर सकता है। चाहे फिर वह इंसान जानवर या पक्षी हो।

वह किसी के भी पराजय का कारण बन सकता है।

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