👏भगवान की खोज💐💐

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 ♦️आज की कहानी हे पानी ओर नमक से शिक्षा ♦️

💐💐भगवान की खोज💐💐

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एक बार संत नामदेव अपने शिष्यों को ज्ञान -भक्ति का प्रवचन दे रहे थे। तभी श्रोताओं में बैठे किसी शिष्य ने एक प्रश्न किया , ” गुरुवर , हमें बताया जाता है कि ईश्वर हर जगह मौजूद है , पर यदि ऐसा है तो वो हमें कभी दिखाई क्यों नहीं देता , हम कैसे मान लें कि वो सचमुच है , और यदि वो है तो हम उसे कैसे प्राप्त कर सकते हैं ?”


 नामदेव मुस्कुराये और एक शिष्य को एक लोटा पानी और थोड़ा सा नमक लाने का आदेश दिया।


शिष्य तुरंत दोनों चीजें लेकर आ गया।


वहां बैठे शिष्य सोच रहे थे कि भला इन चीजों का प्रश्न से क्या सम्बन्ध , तभी संत नामदेव ने पुनः उस शिष्य से कहा , ” पुत्र , तुम नमक को लोटे में डाल कर मिला दो। “


शिष्य ने ठीक वैसा ही किया।


संत बोले , ” बताइये , क्या इस पानी में किसी को नमक दिखाई दे रहा है ?”


सबने  ‘नहीं ‘ में सिर हिला दिए।


“ठीक है !, अब कोई ज़रा इसे चख कर देखे , क्या चखने पर नमक का स्वाद आ रहा है ?”, संत ने पुछा।


“जी ” , एक शिष्य पानी चखते हुए बोला।


“अच्छा , अब जरा इस पानी को कुछ देर उबालो।”, संत ने निर्देश दिया।


कुछ देर तक पानी उबलता रहा और जब सारा पानी भाप बन कर उड़ गया , तो संत ने पुनः शिष्यों को लोटे में देखने को कहा और पुछा , ” क्या अब आपको इसमें कुछ दिखाई दे रहा है ?”


“जी , हमें नमक के कण दिख रहे हैं।”, एक शिष्य बोला।


संत मुस्कुराये और समझाते हुए बोले ,” जिस प्रकार तुम पानी में नमक का स्वाद तो अनुभव कर पाये पर उसे देख नहीं पाये उसी प्रकार इस जग में तुम्हे ईश्वर हर जगह दिखाई नहीं देता पर तुम उसे अनुभव कर सकते हो।


💐💐शिक्षा💐💐


 जिस तरह अग्नि के ताप से पानी भाप बन कर उड़ गया और नमक दिखाई देने लगा उसी प्रकार तुम भक्ति ,ध्यान और सत्कर्म द्वारा अपने विकारों का अंत कर भगवान को प्राप्त कर सकते हो।



पाए खुशियां अपार,

गाय पाले अपने द्वार!!

सदैव प्रसन्न रहिये।

जो प्राप्त है, पर्याप्त है।। ओम शांति


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